हिंदी सिनेमा और नाट्य जगत के सशक्त हस्ताक्षर निर्मल पांडेय का आज दिनांक १८ फरवरी २०१० को मुंबई के होली स्पिरिट अस्पताल में निधन हो गया. निर्मल पाण्डेय एक प्रतिबद्ध प्रगतिशील संस्कृतकर्मी थे. जिन्होंने जीवनपर्यंत अपनी रचना और कला क्षमता का उपयोग मनुष्य और समाज के सरोकारों के लिए किया.
निर्मल पाण्डेय मुलत: रंग-कर्मी थे जिन्होंने "जिन लाहौर नही देख्या'' जैसे अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त नाटकों में अपने अभिनय का लोहा मनवाया. सिनेमा जगत में शेखर कपूर की 'बैंडिट क्वीन', 'इस रात की सुबह नहीं', ट्रेन टू पाकिस्तान' जैसी फिल्मों में अपनी मुख्य भूमिका के जरिये सिनेमा के कथ्य कथानक और अभिनय की नयी परिभाषाये दीं. बहुत सारे सीरियलों एवं टी वी फिल्मों के जरिये निर्मल ने इस माध्यम में भी अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज करायी.
''क्राफ्ट'' (उसकी समस्त इकाई कला कम्यून, दस्ता, क्राफ्ट फिल्म सोसाइटी) वाराणासी की संकल्पना और संस्थापना में निर्मल का अविस्मरनीय योगदान है. हमारे लिए कई अभिनय वर्कशाप का संचालन निर्देशन करके और संस्था द्वारा आयोजित होने वाले फिल्मोत्सवो में योजना से लेकर क्रियान्वयन तक अपनी भागीदारी से हमें आधार और दिशा प्रदान की.
निर्मल का निधन पुरे क्राफ्ट परिवार के लिये अपूरनीय व्यक्तिगत क्षति है. निर्मल का निधन पुरे सांस्कृतिक जगत और समस्त कला-संस्कृति-रंग कर्मियों के लिए एक गहरा सदमा है.
निर्मल का निधन पुरे क्राफ्ट परिवार के लिये अपूरनीय व्यक्तिगत क्षति है. निर्मल का निधन पुरे सांस्कृतिक जगत और समस्त कला-संस्कृति-रंग कर्मियों के लिए एक गहरा सदमा है.
निर्मल के असामयिक अचानक निधन पर सम्पूर्ण क्राफ्ट परिवार ( कला कम्यून, दस्ता, क्राफ्ट फिल्म सोसाइटी), जन संस्कृति मंच एवंम काशी की समस्त कला-संस्कृति-रंगकर्मियों की ओर से विनम्र और अश्रुपूरित श्रध्दांजलि.